दिवाली की छुट्टियां में इन 7 जगहों पर घूमें अपने परिवार के साथ। इस साल की दिवाली 29 अक्टूबर से लेकर 3 नवंबर तक मनाई जाएगी। दिवाली की छुट्टियों में काफी भारतीय अपने परिवार के साथ मिलकर घूमने का प्लान बनाते हैं। आज हम बात करेंगे हमारे भारत की खूबसूरत घूमने लायक जगह के बारे में। हमारे भारत में ऐसी बहुत सारी जगह हैं जहां पर लोग घूमना पसंद करते हैं। हम भारतीयों को हमारी भारतीय संस्कृति और यहां के खूबसूरत जगह को महत्व देना चाहिए। यकीन मानिए हमारी जगह किसी विदेशी जगहों से कम नहीं है।आईए हम उन जगहों के बारे में बात करते हैं।
दिवाली की छुट्टियां में इन 7 जगहों पर घूमें अपने परिवार के साथ।
स्टेचू ऑफ़ यूनिटी गुजरात
श्री सरदार वल्लभभाई पटेल की खूबसूरत प्रतिमा दुनियां की सबसे ऊंची प्रतिमा है। यह प्रतिमा सरदार सरोवर बांध के ऊपर बनी हुई है। स्टेचू ऑफ़ यूनिटी की ऊंचाई 182 मीटर है। यह गुजरात का सबसे पसंदीदा टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। यहां पर काफी दूर-दूर से लोग प्रतिमा को देखने के लिए आते हैं।
स्टेचू ऑफ़ यूनिटी गुजरात के केवड़िया गांव में स्थित है। दिवाली की छुट्टियों में आप अपने परिवार के साथ स्टेचू ऑफ़ यूनिटी घूमने का प्लान बना सकते हैं। परिवार के साथ समय बिताने के लिए बेहतर जगह है। नदी और पहाड़ों के बीच में बसा हुआ यह गांव बहुत ही अद्भुत लगता है।
स्टेचू ऑफ़ यूनिटी का समय
स्टेचू ऑफ़ यूनिटी को देखने का समय सुबह 8:00 से लेकर शाम के 6:00 तक होता है। यह सप्ताह के 6 दिन खुला रहता है। सोमवार को स्टेचू ऑफ़ यूनिटी बंद होता है। अगर आप स्टैचू ऑफ़ यूनिटी देखने का सोच रहे हैं तो सोमवार को नहीं जाए।
स्टेचू ऑफ़ यूनिक टिकट
स्टेचू ऑफ़ यूनिटी की साधारण प्रवेश शुल्क बस की सुविधा के साथ ₹150 लगती है। बच्चों के लिए साधारण प्रवेश शुल्क बस सुविधा के साथ ₹90 लगते हैं। अगर आप डेक व्यू के साथ टिकट खरीदना चाहते हैं तो यह प्रति व्यक्ति बस सुविधा के साथ ₹380 पड़ती है। बच्चों के लिए डेक व्यू की टिकट ₹230 की होती है। टिकट ऑनलाइन वेबसाइट से बुक कीज सकती है। अगर आपको वहां जाकर लेना हो तो सुविधा उपलब्ध है। हर दिन 7000 टिकटें उपलब्ध कराई जाती है। इस लिंक ‘स्टेचू ऑफ़ यूनिटी’ पर आप अपनी ऑनलाइन टिकट बुक करें।
स्टैचू ऑफ़ यूनिटी कैसे पहुंचे।
स्टेचू ऑफ़ यूनिटी तक पहुंचने के लिए आपको रेल से केवड़िय तक पहुंचाना पड़ेगा। सबसे आसान तरीका बड़ौदा से आप रोड के द्वारा स्टेचू ऑफ़ यूनिटी तक पहुंच सकते हैं। अच्छी बात यह है कि गुजरात में सरकारी बसें आसानी से मिल जाती हैं। बड़ौदा एयरपोर्ट केवड़िया गांव से नजदीक पड़ता है। अहमदाबाद से लगभग 3 घंटे का रास्ता पड़ता है।
लोनावला
लोनावला भारत के मुंबई शहर के पास स्थित सुंदर हरियाली से भरपूर एक हिल स्टेशन है। यहां पर अद्भुत पुरानी गुफाओं का भंडार है। लोनावला में प्राचीन काल के बौद्ध मंदिर मौजूद है जिन्हें पत्थरों से काटकर बनाया गया था। यहां पर विशाल स्तंभ और प्राचीन काल की मूर्तियां देखने को मिलती है। यहां का लोहागढ़ कीला सबसे प्रसिद्ध है। किले के भव्य चार दरवाजे बहुत ही अद्भुत लगते हैं। लोनावला में भुशी बांध है जहां पर बरसात के दिनों मे सीढीयो से होकर पानी बहता है।
लोनावला कैसे पहुंचें।
लोनावला पहुंचने के लिए बहुत सारे तरीके अपनाए जा सकते हैं। फ्लाइट से मुंबई या पुणे पहुंच सकते हैं। पुणे और मुंबई से लोनावला पहुंचने के लिए बहुत सारी रेल और बस की सुविधाएं मौजूद हैं। या तो आप पूणे या मुंबई से प्राइवेट टैक्सी भी बुक कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि हर 2 घंटे में मुंबई से लोकल रेल मिल जाती है।
लोनावला में घूमने का खर्चा कितना होता है।
प्रति व्यक्ति लोनावाला घूमने का खर्चा लगभग 7000 से लेकर ₹100000 तक का होता है। घूमने का खर्चा व्यक्ति के ऊपर रहता है वह कितनी सुविधाएं लेना चाहता है। बहुत कम खर्चे में लोनावला आसानी से घूम सकते हैं। हमने लोनावाला के बारे में पूरा आर्टिकल लिखा है।
10 लोनावला में घूमने लायक सबसे बेहतरीन जगहें।
इस आर्टिकल को पढ़कर आपको और अधिक जानकारी मिलेगी।
जयपुर
राजस्थान के जयपुर में काफी लोग दिवाली की छुट्टीयों में घूमने के लिए जाते हैं। जयपुर राजस्थान की राजधानी है। यहां पर काफी सारे टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स देखने को मिलेंगे। जयपुर को पिंक सिटी के नाम से भी जाना जाता है। सन् 1727, जयपुर में राज परिवारों का राज हुआ करता था। यहां पर बहुत सारे प्राचीन महल देखने को मिलते हैं। जयपुर शहर देश में ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्ध है। जयपुर को देखने के लिए काफी सारे विदेशी पर्यटक आते हैं। यहां के खूबसूरत बाजार को काफी लोग पसंद करते हैं। जयपुर में देखने लायक काफी सुंदर मंदिर और प्राचीनकाल के महल मौजूद है। वन्य जीव अभयारण्यों के लिए भी जना जाता है।
जयपुर शहर इतना प्रसिद्ध क्यों है।
जयपुर की संस्कृति और खानपान दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। अपनी पिंक सिटी के कारण भी जाना जाता है। सन् 1876 महाराज राम सिंह ने बहुत सारी इमारतों को गुलाबी रंग से रंगवाने का आदेश दिया था। बात उन दिनों की है जब महारानी विक्टोरिया जयपुर आने वाली थी। गुलाबी रंग अतिथि के भव्य स्वागत को दर्शाता है।
जयपुर घूमनेका खर्चा कितना होता है।
जयपुर में घूमने का खर्चा 6000 से लेकर 10000 तक प्रति व्यक्ति हो जाता है। घूमने का खर्चा हमेशा व्यक्ति के ऊपर होता है। किसी भी शहर या पर्यटक स्थल को देखने खर्चा आपके ऊपर रहता है कि आप किस तरीके का होटल और खाना पसंद करते हो।
शिलांग
शिलांग पहुंचने के रास्ते बहुत खूबसूरत होते हैं। यहां पर हर तरफ खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे। शिलांग भारत के सबसे खूबसूरत पर्यटन जगहों में से एक है। शिलांग में प्रकृति की सुंदरता हर जगह देखने को मिलेगी। यहां पर काफी सारे पर्यटक स्थल मौजूद हैं। शिलांग भारत के नॉर्थ ईस्ट मेघालय में स्थित हैं। शिलांग मेघालय की राजधानी है। जब आप शिलांग आपके रास्तों से गुजर रहे हो तब पहाड़ों के ऊपर से तैरते हुए बादल बहुत खूबसूरत लगते हैं।
मेघालय भारत का एकमात्र राज्य है जहां पर महिलाएं पुरुषों से से ज्यादा शक्तिशाली होती है। यहां पर महिलाएं घर की सारी जिम्मेदारी उठती हैं। चलो बात करते हैं यहां के टूरिज्म के बारे में। शिलांग अपने उन इस खान के कारण भी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां पर स्ट्रीट फूड को काफी पसंद किया जाता है।
मेघालय के खूबसूरत पर्यटक स्थल।
जैसा कि आप शिलांग अपने खूबसूरत पर्यटक स्थलों के लिए काफी प्रसिद्ध है। हम आए जानते हैं यहां की सबसे अधिक लोकप्रिय जगहों उनके बारे में। शिलांग व प्वाइंट, एयर फोर्स म्यूजियम शिलांग, एलिफेंट फॉल्स शिलांग, टी गार्डन शिलांग, वार्ड झील, लेडी हैदरी पार्क,क्ष लैटलम शिलांग और पुलिस बजार।
शिलांग मेघालय घूमने का खर्चा कितना होता है।
प्रति व्यक्ति ₹5000 से लेकर ₹100000 तक खर्च हो सकता है। वैसे शिलांग घूमने काफी सस्ता पड़ता है लेकिन अगर आपको महंगे होटल और शोक के तो शायद महंगा पड़ सकता है। यहां के स्ट्रीट फूड काफी सस्ते होते है।
मांडू या मांडवगढ़
यह मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित है। मांडू को प्राचीन शहर भी कहा जाता है। यह इंदौर से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मांडू शहर लगभग 650 मीटर की ऊंचाई पर बनाया हुआ है। यहां पर आप खूबसूरत प्राचीन महलों को देख सकते हैं। यहां के सबसे प्रसिद्ध जहाज महल को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। जहाज महल को देखने के लिए प्रति व्यक्ति ₹25 प्रवेश शुल्क लगता है।
मांडू की प्रसिद्ध पर्यटक जगहें।
मांडू अपने आप में ही एक अद्भुत जगह लगती है। हिंडोला महल, जहाज महल, रूपमती पवेलियन और प्राचीन काल की कला हर जगह देखने को मिलेंगी। दीवाल की छुट्टियों में परिवार के साथ घूमने के लिए यह सबसे बेहतरीन पर्यटक स्थल माना जाता है।
कसोल हिल स्टेशन
यह जगह हिमाचल प्रदेश का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। कसोल हिल स्टेशन पार्वती नदी के किनारे बसा हुआ है। दिल्ली से कसोल 520 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है। अगर आप चंडीगढ़ से कसोल हिल जाना चाहते हैं तो यह 290 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है। कुल्लू जिले से कल लगभग 42 कि की दूरी पर स्थित है।
इस दिवाली पर आप अपने परिवार के साथ समय बिताने का प्लान बनाएं। उम्मीद है कि आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।